मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा- उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से आपदा प्रबंधन में सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स संचालित किए जाएंगे
देहरादून। प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा, राहत एवं बचाव कार्यों के लिए आमजन में जागरूकता लाने की आवश्यकता है। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी। साथ ही राज्य, जिला एवं ब्लाक स्तर पर विभागीय ढांचे का सृजन किया जाएगा। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। प्रथम चरण में युवक मंगल दलों, ग्राम प्रहरी एवं जनप्रतिनिधियों को आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। वहीं, राज्य में आपदा की संवेदनशीलता को देखते हुए विश्वविद्यालयों में आपदा प्रबंधन को एक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से आपदा प्रबंधन में सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स संचालित किए जाएंगे। यह बात आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कही।
बुधवार को सुभाष रोड स्थित एक होटल में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। काबीना मंत्री डा. धन सिंह रावत को बतौर मुख्य अतिथि शामिल होना था, लेकिन वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने फोन पर कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान ‘उत्तराखंड भूकंप अलर्ट’ एप की जानकारी भी साझा की गई। कार्यक्रम में डा. आनंद श्रीवास्तव, अपर सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग, जितेंद्र कुमार सोनकर, वन्यजीव संस्थान के विज्ञानी डा. एस सत्यकुमार, डा. पीयूष रौतेला समेत विभिन्न संस्थानों के विज्ञानी, विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
आपदा मित्र परियोजना के तहत 11 राज्यों में दिया जाएगा प्रशिक्षण
कार्यशाला में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड के 11 जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मिलकर आपदा मित्र परियोजना के तहत कार्य करेंगे। जिसमें वालिंटियर को आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रदेश में पहले दो जिलों ऊधमसिंह नगर व हरिद्वार में इस परियोजना के तहत प्रशिक्षण दिया गया, जो कि काफी सफल रहा।
आपदा प्रबंधन की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए शिक्षण संस्थानों की लें मदद
कार्यशाला में बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद हिमालयन पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन (हेस्को) के संस्थापक डा. अनिल प्रकाश जोशी ने उत्तराखंड में आपदा नीति निर्धारण को लेकर विशेष कदम उठाने की बात कही। साथ ही उन्होंने शिक्षण संस्थानों के माध्यम से आपदा प्रबंधन संबंधी जानकारी को जन-जन में प्रचारित करने पर बल दिया। उन्होंने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के सचिव एसए मुरुगेशन से जल्द ही उच्च, माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षा के निदेशकों के साथ बैठक करने का अनुरोध किया। जिससे उक्त संबंध में निर्णय लिए जा सकें।