Mon. Dec 23rd, 2024

दीपावली पर इस बार उत्तर प्रदेश में केवल हरित (ग्रीन) पटाखों की होगी बिक्री

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश सरकार मौसम बदलने के साथ ही बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर बेहद गंभीर हो गई है। सरकार ने वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले पटाखों की बिक्री तथा उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

दीपावली पर इस बार उत्तर प्रदेश में केवल हरित (ग्रीन) पटाखों की बिक्री होगी। इनके अलावा अन्य पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित होगी। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन दिनों प्रदेश के 27 शहरों में वायु गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है। वर्ष 2021 में जनवरी से सितंबर तक इनमें शामिल लखनऊ, कानपुर, हापुड़ आगरा, सोनभद्र, गजरौला, मेरठ, खुर्जा, गाजियाबाद, हापुड़, वाराणसी, नोएडा, फिरोजाबाद, झांसी, खुर्जा, प्रयागराज, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, रायबरेली, मथुरा, सहारनपुर, गोरखपुर, उन्नाव, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, बागपत, बुलंदशहर, अलीगढ़ व अयोध्या वायु गुणवत्ता स्तर थोड़ा प्रदूषित (माडरेट) पाया गया है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई, 2021 के आदेश में स्पष्ट किया है कि क्षेत्र की वायु गुणवत्ता थोड़ी प्रदूषित अथवा अच्छी है तो संबंधित प्राधिकारी हरित पटाखों की बिक्री व उपयोग की अनुमति दे सकते हैं। शासन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश व कोविड-19 की परिस्थतियों के दृष्टिगत प्रदेश में निर्धारित समय सीमा के लिए हरित पटाखों की बिक्री व उपयोग की अनुमति प्रदान करने का निर्णय किया है। इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी किया है। अपर मुख्य सचिव, गृह का कहना है कि पटाखों की बिक्री और उपयोग को लेकर सभी डीएम को निर्देश दिए गए हैं। जिला स्तर पर डीएम हरित पटाखों की बिक्री व उपयोग की समय सीमा तय करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उत्सव दूसरों के स्वास्थ्य की कीमत पर नहीं हो सकता है और स्पष्ट किया कि जहां पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है, वहीं वे आतिशबाजी जिनमें बेरियम लवण होते हैं, प्रतिबंधित हैं। शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी कि विभिन्न स्तरों पर शीर्ष अधिकारियों को किसी भी चूक के लिए ‘व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी ठहराया जाएगा’, शीर्ष अदालत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जारी विभिन्न निर्देशों के बावजूद, एक स्पष्ट उल्लंघन हो रहा है।

यूपी के गृह विभाग ने कहा कि जिन इलाकों में हवा की गुणवत्ता मध्यम या बेहतर होगी, वहां हरे पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी जाएगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और अन्य क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया, जहां हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में है। यूपी के गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया था कि जिन इलाकों में हवा की गुणवत्ता मध्यम या बेहतर होगी, वहां हरे पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी जाएगी। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया जिला एवं पुलिस प्रशासन अधिकारियों को पटाखों की बिक्री व उपयोग के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन शहरों में पटाखों के उपयोग को प्रतिबंधित करें जहां हवा की गुणवत्ता मध्यम या हरे रंग के पटाखे से कम है। उत्सव दूसरों के स्वास्थ्य की कीमत पर नहीं हो सकता

क्या होते हैं ग्रीन पटाखे

वह पटाखे, जिनसे प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण के लिए बेहतर होते हैं। उन्हेंं ग्रीन पटाखा कहा जाता है। ग्रीन पटाखों को खास तरह से तैयार किया जाता है और इनके जरिये 30 से 40 फीसदी तक प्रदूषण कम होता है। ग्रीन पटाखों में वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले हानिकारक रसायन नहीं होते हैं। इनमें एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट और कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता है अथवा इनकी मात्रा काफी कम होती है। इनके प्रयोग से वायु प्रदूषण को बढऩे से रोका जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *