साहित्य ग़ज़ल युवा कवि धर्मेन्द्र उनियाल धर्मी की एक ग़ज़ल… बस हमने हाथ न पसारा, खुद्दारियों के चलते… 3 years ago DTadmin धर्मेन्द्र उनियाल ‘धर्मी’ चीफ फार्मासिस्ट, अल्मोड़ा ————————————————- – बस हमने हाथ न पसारा, खुद्दारियों के…