काव्य साहित्य कवि पागल फकीरा की एक रचना… एक यार का अरमां है, हूरों में रवानी है… 3 years ago DTadmin पागल फकीरा ——————————– एक यार का अरमां है, हूरों में रवानी है, बन्दगी छोड़ कुछ…