Mon. Dec 23rd, 2024

नीरज नैथानी

चलो चले गांव की ओर… पांचवी किश्त… अमा यार वो नत्था नहीं.. नेपालियों की कच्ची बोल रही थी…

नीरज नैथानी रुड़की, उत्तराखंड ————————————- चलो चले गांव की ओर… गतांक से आगे… पांचवी किश्त…

चलो चले गांव की ओर… चौथी किश्त… अबे बस्स कर भैजी पाणी नहीं मिलाऊंगा क्या?

नीरज नैथानी रुड़की, उत्तराखंड चलो चले गांव की ओर…गतांक से आगे… चौथी किश्त —————————————————————– शाम…