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आचार्य बालकृष्ण का जन्मदिन मनाएगी “नई पीढ़ी”

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। नई पीढ़ी के चहुँमुखी विकास को समर्पित, राष्ट्रीय स्तर पर उभरते संगठन नई पीढ़ी फाउंडेशन ने गत वर्ष की तरह इस बार भी 4 अगस्त को पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिवस को जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। पिछली बार संगठन ने यह कार्यक्रम अपने दिल्ली स्थित कार्यालय से संपन्न किया था। संगठन द्वारा इस बार ‘जड़ी-बूटी दिवस’ नई पीढ़ी के लखनऊ कार्यालय में मनाने का फैसला किया गया है। इसी दिन नई पीढ़ी पत्रिका के जड़ी बूटी विशेषांक का विमोचन भी किया जाएगा।

आज “नई पीढ़ी” की कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस दौरान नई पीढ़ी के संस्थापक शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि आयुर्वेद वैदिक संस्कृति की महान उपलब्धि रही। जिसे वक्त के साथ लोग भूलते चले गये। जिस पर आधुनिक दौर में आचार्य बालकृष्ण ने सर्वाधिक काम किया है। उनके द्वारा लिखी गई औषध दर्शन, विश्व भेषज संहिता चेकलिस्ट, अजीर्णामृतमंजरी, आयुर्वेद सिद्धान्त रहस्य, जड़ी बूटी रहस्य, वेद वर्णित वनस्पतियां, विश्व भेषज संहिता,दिव्य औषधीयसुगंधित एवं सौंदर्यीकरण पौधे, अष्ट वर्ग-रहस्य,प्लांट फैमिलीज ऑफ द वर्ल्ड, वैद्य शतश्लोकी, जैसी तमाम पुस्तकें देश-विदेश के लाखों वैद्यों के चिकित्सकीय प्रशिक्षण की आधारशिला बनी है। दुनिया मे करीब साढ़े चार लाख से अधिक विभिन्न प्रकार के पौधे हैं, जिनमें से 67400 औषधीय गुणों से युक्त पौधों की पहचान कर उनके नामों की सूची तैयार करने का पहला प्रयास आचार्य बालकृष्ण ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर किया है। वह जिस तरह से लगातार जड़ी बूटियों पर शोधरत हैं, उसे देखते हुये महसूस होता है कि निश्चित रूप से उनके ऐसे अनेक प्रयास पुनः भारतीय आर्युवेद की महत्ता से सम्पूर्ण विश्व को परिचित कराकर मनुष्य की तमाम शारीरिक व्याधियों का निर्मूलन करेंगे। आज कोरोना काल में जब पूरी मानवता कराह रही ऐसे में जड़ी बूटियां ही हम भारतीयों का सबसे बड़ा संबल बनीं हैं।

द्विवेदी ने कहा कि पिछले वर्ष नई दिल्ली में आचार्य बालकृष्ण जी के जन्म दिन ‘जड़ी-बूटी दिवस’ को तुलसी के पौधे लोगों के बीच वितरित किए गए थे, उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए इस बार भी “नई पीढ़ी” द्वारा तुलसी के पौधे वितरित किए जाएंगे। इस बैठक में “नई पीढ़ी” के पदाधिकारी कृष्ण गोपाल, चंद्रशेखर सुरेंद्र बोरा, अशोक पंजवानी, आदित्य त्रिपाठी, शैल कुमारी सहित कई अन्य पदाधिकारी मोजूद थे।

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