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गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया

लद्दाख में गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को मंगलवार को महावीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने संतोष बाबू की माता और पत्नि को वीरता पुरस्कार सौंपा।

वहीं, उनके साथ आपरेशन स्नो लेपर्ड का हिस्सा रहे वीरगति को प्राप्त चार अन्य सैनिकों को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया। नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन, हवलदार के पिलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह भी इस आपरेशन का हिस्सा थे। वहीं, सोमवार को हुए अलंकरण समारोह में ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्तमान को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

सेना के प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि 15 जून, 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में आपरेशन स्ने-लेपर्ड के दौरान बिहार रेजीमेंट (16 बिहार) के कर्नल बिकुमाला संतोष बाबू को कमांडिंग आफिसर के तौर पर आब्जर्वेशन-पोस्ट स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दुश्मन की हिंसक और आक्रामक कार्रवाई के सामने उन्होंने स्वयं से पहले सेवा की सच्ची भावना को ऊपर रखा और दुश्मन की भारतीय सैनिकों को पीछे धकेलने की कोशिश का लगातार विरोध करते रहे। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वे झड़प में अपनी आखिरी सांस तक नेतृत्व करते रहे।

इनके अलावा, जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में एक आतंकवादी को मारने और दो अन्य को घायल करने के लिए चार पैरा स्पेशल फोर्स के सूबेदार संजीव कुमार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने उनकी पत्नी को यह पुरस्कार सौंपा। वहीं, राष्ट्रपति ने भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी को परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया।

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