Mon. Dec 23rd, 2024

ग़ज़ल

कवि वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” की एक हिंदी ग़ज़ल… तेरी यादों का समंदर विशाल होता है…

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” देहरादून, उत्तराखंड —————————————– हिंदी ग़ज़ल ——————————– तेरी यादों का समंदर विशाल होता…

युवा कवि धर्मेन्द्र उनियाल धर्मी की एक ग़ज़ल… बस हमने हाथ न पसारा, खुद्दारियों के चलते…

धर्मेन्द्र उनियाल ‘धर्मी’ चीफ फार्मासिस्ट, अल्मोड़ा ————————————————- – बस हमने हाथ न पसारा, खुद्दारियों के…