मुख्यमंत्री धामी ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुलिस एवं अर्द्ध सैन्य बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
News by – ध्यानी टाइम्स
देहरादून, : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस लाइन, देहरादून में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुलिस एवं अर्द्ध सैन्य बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
इस अवसर पर उन्होंने शहीद पुलिस जवानों के परिजनों को सम्मानित भी किया. कहा, देश की आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था एवं कानून-व्यवस्था बनाये रखने का उत्तरदायित्व राज्यों के पुलिस बल एवं अर्द्ध सैनिक बलों का है. गत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में कुल 216 अर्द्ध सैनिक बलों एवं विभिन्न राज्यों के पुलिस कर्मी शहीद हुए. जिसमें उत्तराखंड पुलिस के 4 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. सीएम ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना की गई है, जो हमारे पुलिस बल के अद्वितीय समर्पण और बलिदान का प्रतीक है.
हमारी पुलिस ने कई चुनौतियों का किया सामना
सीएम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारी पुलिस ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है. आतंकवाद, देश के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सलवाद, प्राकृतिक आपदाओं, कानून व्यवस्थाओं से संबंधित जटिल परिस्थितियों में हमारी पुलिस ने अदम्य साहस और वरता का परिचय दिया है. कहा, उत्तराखण्ड भौगोलिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यन्त संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण राज्य है. राज्य में शांति और सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने में हमारे पुलिस की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. किसी भी राज्य की पुलिस व्यवस्था उस राज्य की सुरक्षा और समृद्धि का एक अभिन्न स्तम्भ है. राज्य पुलिस भी सेवा की भावना और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अनेकों चुनौतियों नशा, साइबर क्राईम, महिला अपराध, यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, काँवड यात्रा प्रबंधन का सामना करती है.
इन सबके लिए उत्तराखंड पुलिस बधाई की पात्र
सीएम ने कहा कि 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस के तहत एक त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक फोर्स का गठन किया गया है. इस वर्ष 1100 से ज्यादा नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 23 करोड़ रूपये के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद किए गए हैं. कहा, साइबर अपराध एक बड़ा खतरा बन चुका है. हमारी पुलिस को इस दिशा में भी सजग रहना होगा और तकनीकि रूप से और अधिक दक्ष होना पड़ेगा. राज्य में महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के हर थाने पर महिला हैल्प डेस्क के तहत क्यूआरटीय का गठन किया गया है. बच्चों एवं महिलाओं के प्रति हुए अपराधों में 95 प्रतिशत से अधिक मामलों का अनावरण कर 50 प्रतिशत से अधिक अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है. जिसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस बधाई की पात्र है.
6 थानों व 21 पुलिस चौकियों के लिए 327 पद स्वीकृत
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों के आवासीय स्तर को सुधारने के लिए 150 करोड़ से अधिक की लागत से 380 आवासों का निर्माण किया जा चुका है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में 42 करोड़ की लागत से 5 पुलिस थानों 2 पुलिस चौकियों, 2 फायर स्टेशनों और तीन पुलिस लाईनों के प्रशासनिक भवनों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. पुलिस के रिस्पॉस टाइम को बेहतर करने के लिए 1105 पुलिस वाहनों की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है. पुलिस सैलरी पैकेज के अन्तर्गत पुलिस कार्मिकों के लिए 75 लाख से 1 करोड़ तक का दुर्घटना बीमा कराया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत 15 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि दिवंगत पुलिस कार्मिकों के परिजनों को प्रदान की जा चुकी है. आपदा एवं राहत के क्षेत्र में सरकार द्वारा एसडीआरएफ की एक कम्पनी स्वीकृत करते हुए 162 पदों का सृजन किया गया. 6 थानों व 21 पुलिस चौकियों के क्रियान्वयन के लिए 327 पद स्वीकृत किये गये. पीपीएस के ढांचे में 11 नये पदों का सृजन किया गया. उप निरीक्षक स्तर के 222 पदों पर भर्ती निकाली गयी है. 2000 सिपाहियों की भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है. राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए उत्तराखण्ड खेल नीति के अन्तर्गत कुशल खिलाड़ी कोटे में भी पुलिस विभाग में भर्तियां की जायेंगी. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, विधायक विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी आदि मौजूद रहे.