Mon. Dec 23rd, 2024

ज्ञानवापी में होती रहेगी पूजा, मस्जिद पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका, अब 6 फरवरी को अगली तारीख

News by- ध्यानी टाइम्स रवि ध्यानी

ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन उसे कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. व्यास तहखाने में पूजा होती रहेगी और मामले की अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी.

तब तक के लिए पूजा पर रोक नहीं है. 6 फरवरी को ही वाराणसी की जिला अदालत में ASI की रिपोर्ट पर भी सुनवाई होगी. वहीं, हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को जगह संरक्षित करने को कहा है. साथ ही साथ निर्देश दिया है कि कोई नुकसान या निर्माण नहीं होना चाहिए.

कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष से कहा कि जब कलेक्टर को रिसीवर नियुक्त किया गया तब आपने विरोध नहीं किया. यही तर्क मुस्लिम पक्ष के लिए भारी पड़ा है. मस्जिद समिति से अपनी अपील में संशोधन करने और जिला न्यायाधीश के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती देने को कहा है. दरअसल, 17 जनवरी के आदेश में डीएम को व्यास तहखाना का रिसीवर नियुक्त कर दिया था. साथ ही अदालत ने यूपी सरकार को कानून-व्यवस्था बरकरार रखने का निर्देश भी दिया है.

इससे पहले कोर्ट ने यूपी के एडवोकेट जनरल से वर्तमान स्थिति बताने को कहा है. एडवोकेट जनरल ने बताया कि तहखाने में पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है. बड़ी संख्या में लोग तहखाने के दर्शन भी कर रहे हैं. कोर्ट ने यूपी सरकार से वहां किए गए इंतजामों की जानकारी विस्तार से जानी है.

हिंदुओं का पक्ष वकील विष्णु शंकर जैन ने रखा

सुनवाई कर रहे जज जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने मस्जिद कमेटी के वकील से पूछा है कि आपने डीएम को रिसीवर नियुक्त किए जाने के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती नहीं दिया. सीधे 31 जनवरी के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है. ऐसे में यह बताइए कि आपकी अर्जी की पोषणीयता क्या है, क्या उस पर सुनवाई की जा सकती है? 31 जनवरी का आदेश 17 जनवरी को डीएम को रिसीवर नियुक्त किए जाने के आगे की कड़ी है. यूपी सरकार की ओर से जानकारी मुहैया कराए जाने के बाद हिंदू पक्ष ने मस्जिद कमेटी की याचिका पर अपना एतराज जताया और याचिका खारिज करने की अपील की. विष्णु शंकर जैन हिंदू पक्ष की तरफ से पेश हुए.

सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद हाईकोर्ट का किया था रुख

वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञानवापी परिसर स्थिति व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना कराई जाने लगी. 31 सालों के बाद पूजा शुरू हुई है. इस मामले को लेकर ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया. समिति को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी. इधर, शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद का परिसर पूरी तरह भर दिखाई दिया है. इसके बाद किसी को भी नमाज के लिए अंदर नहीं जाने दिया गया. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वो किसी दूसरी मस्जिद में नमाज अदा करें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *