खटीमा में प्रियंका गांधी को सुनने के लिए जुटे लोग, कहा-बेरोजगारी से आजादी दिलाने वाला है यह चुनाव
उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा-कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया है। आखिरी दिन उत्तराखंड के कुमाऊं में भाजपा व कांग्रेस के सर्वोच्च नेता पहुंचेंगे। आज सीएम धामी के क्षेत्र खटीमा में प्रियंका गांधी पहुंच रहीं वहीं रुद्रपुर में पीएम मोदी भी आ रहे हैं। खटीमा में प्रियंका गांधी को सुनने के लिए काफी लोग जुट गए हैं।
बेरोजगारी से आजादी दिलाने का चुनाव। पिछले पांच साल में बच्चों की उम्र निकल गई। लेकिन रोजगार नहीं मिला। कापड़ी बोले, मैं गरीब का बेटा हूं। भाजपा कहती है कि आखरी दो रात में वोट खरीद लेंगे। खटीमा के लोग बिकाऊ है क्या?। मैं लोगों से पूछना चाहता हूं कि आप गरीब के बेटे का साथ दोगे या नहीं।
बताइये कि पांच साल में कितने नौजवानों को रोजगार मिला। हाथ उठाइये। सबसे बड़ी समस्या क्या है आपके राज्य में। रोजगार, महंगाई और किसानों की समस्याएं। यही तीन समस्याएं है ना।
मुझे बताया कि सीएम की विधानसभा है। लगा कि विकास हुआ होगा । लेकिन खराब सड़कें बता रही है कि पांच साल में यहां कुछ नहीं हुआ। खटीमा यूपी से लगा हुआ है। मैं आपकी समस्याएं जानती हूं। आपको गेंहू, गन्ने और धान का सही रेट नहीं मिलता। इसलिए किसानों ने आंदोलन किया। किसान शहीद हो गए। लेकिन किसी ने नहीं पूछा। चुनाव से पहले कानून रद्द कर दिये। मगर जब लोगों ने कहा कि शहीद किसानों के लिए क्या करेंगे। सरकार ने कहा कोई सूची नहीं है। दो लोगों के लिए सारी नीति बन रही है। किसान, मजदूर, व्यापारी किसी के लिए कुछ नहीं है।
नोटबंदी के बाद जीएसटी थोपी। फिर कोरोना आया। सबसे ज्यादा नुकसान छोटे व्यापारियों को हुआ। जबकि रोजगार भी यही लोग देते हैं। कोई अंबानी या अडानी नहीं। बताइये, नौकरी क्यों नहीं दी, आज महंगाई क्यों है, मगर ये लोग आपके सामने आकर धर्म की बात करते हैं। कैसा धर्म है ये? नेता का धर्म जनता का विकास होता है। अगर इन्होंने आपके लिए काम किया होता तो कोरोना में स्वास्थ्य सुविधा मिलती। रोजगार मिलता। इस प्रदेश में हुनर और संसाधन है। मगर रोजगार नहीं। ऐसा क्यों।
इससे पूर्व तीन फरवरी को प्रियंका ने दून में कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र लांच किया था। इस दौरान उन्होंने वर्चुअल सभा से लोगों को संबोधित किया था। कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल के मुताबिक उत्तराखंड में किसी चुनावी जनसभा को वह पहली बार संबोधित करेंगी। दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हल्द्वानी में रैली को संबोधित करने के साथ योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया था।
इसके बाद कांग्रेस ने कुमाऊं में प्रियंका गांधी का कार्यक्रम तय किया। जिसके बाद अल्मोड़ा में रैली तय की गई। लेकिन कोरोना मामले बढऩे के कारण कांग्रेस ने यूपी समेत अन्य सभी राज्यों में बड़ी रैलियां रद्द कर दी। इसके बाद कोरोना के बढ़ते मामले देख चुनाव आयोग ने भी प्रचार को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी। अब नियमों में ढील मिलने पर कांग्रेस ने प्रियंका को भी उत्तराखंड के रण में उतार दिया। शनिवार को वह पहले खटीमा में जनसभा करेगी। उसके बाद एक बजे हल्द्वानी के एमबी इंटर कालेज में रैली होगी। इसके बाद श्रीनगर में कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के लिए जनसभा करेंगी। गोदियाल का मुकाबला कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत से हैं।