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देहरादून 11 अक्टूबर 2021 भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्य मंत्री श्री विवेकानंद खंडूरी डॉ रवि शरण दिक्षित डॉ बीएस मित्तल ने शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 में वर्तमान में लागू उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान सम्मिलित ना किए जाने के कारण शिक्षकों कर्मचारियों को वेतन भुगतान हुए जनसामान्य को होने वाली कठिनाइयों तथा हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड शासन द्वारा लगभग 18 अशासकीय महाविद्यालयों को असमय बद करने के संबंध में आज श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी माननीय सांसद लोकसभा प्रयागराज पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश से भेंट कर ज्ञापन दिया गया तथा सांसद रीता बहुगुणा जोशी से शिक्षकों के हित में माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री से वार्ता कर कार्यवाही करवाने का अनुरोध किया गया सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि शिक्षकों को के इस महत्वपूर्ण प्रकरण पर हर संभव प्रयास किए जाएंगे ज्ञापन में हिमालय पुत्र स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा तथा पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा के कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया गया की उत्तर प्रदेश उत्तराखंड के समस्त कर्मचारी व शिक्षक विशेष रूप से उच्च शिक्षा संबंधी समाज आपके पूज्य पिताजी व  हिमालय पुत्र स्वर्गीय श्री हेमवती नंदन बहुगुणा जी पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के सदैव ऋणी है क्योंकि उनके द्वारा ही सफलतम केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता शिक्षकों को सरकारी खजाने से वेतन वितरण 1973 यूजीसी के प्रथम वेतनमान एवं अनेकों कार्य कर्मचारियों शिक्षकों के हित में किए गए जिनको उनके पुत्र श्री विजय बहुगुणा जी पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश के एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा उच्च शिक्षा के समस्त शिक्षकों की अधिवषताआयु 65 वर्ष इत्यादि अनेकों कार्य कर आगे बढ़ाया आगे परिवार द्वारा कर्मचारियों ने शिक्षकों के हित में किए गए कार्य चिर स्मरणीय है श्री खंडूरी जी द्वारा बताया गया कि उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 को अंगीकृत कर लिया था जो अघटन उत्तराखंड में लागू है उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में प्रत्येक राज्य के रूप में एक नया चैप्टर 11a पेमेंट ऑफ द सैलरी 2 टीचर एंड एंप्लाइज ऑफ डिग्री कॉलेज होने से स्पष्ट है कि शासन के लिए सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन का भुगतान का विषय कितना महत्वपूर्ण है इस चैप्टर में विभिन्न प्रावधानों द्वारा सुनिश्चित किया गया है कि शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन भुगतान का दायित्व शासन का होगा वेतन भुगतान निर्धारित दिनांक का हो इसके लिए शासन समय पर अनुदान स्वीकृत करेगा उत्तराखंड सरकार यदि इन महाविद्यालयों में अनुदान बंद करती है तो शिक्षकों के कर्मचारियों की नियुक्तियां बंद हो जाएंगे तथा यह महाविद्यालय स्व वित्त पोषित श्रेणी में आ जाएंगे जिससे छात्रों को कई गुना अधिक फीस देनी पड़ेगी इसके साथ ही छात्र केंद्रीय स्तरीय उच्च शिक्षा से वंचित हो जाएंगे इस व्यवस्था से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ से अत्यंत छात्रों के हित प्रभावित होंगे तथा उच्च शिक्षा अनुदेशक इस व्यवस्था से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ से अत्यंत छात्रों के हित प्रभावित होंगे तथा उच्च शिक्षा अनावश्यक विवादों में फंस कर रह जाएगी जापान में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 को मूल रूप में यथावत रखते हुए अनुदान सहायता प्राप्त करने का अनुरोध किया है इस अवसर पर श्री विवेकानंद खंडूरी जी द्वारा श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी जी को ज्ञापन देकर कर्मचारियों के हित में कार्य करने का अनुरोध किया गया जिस पर श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी जी द्वारा शिक्षकों के हित में माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री से वार्ता कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया है

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