Sun. Dec 22nd, 2024

उत्‍तराखंड के 48 हजार किसानों के साथ सरकारी योजनाओ के नाम पर धोखा

Uttarakhand Seeds Scam : भीमताल स्थित राजकीय प्रजनन उद्यान के परंपरागत कृषि विकास योजना के आउटलेट से नैनीताल के किसानों को फसलों के घटिया बीज दिए जा रहे थे। एक दिन पहले कमिश्नर दीपक रावत ने यह गड़बड़ी पकड़ी तो अब इस कालाबाजारी के गिरोह के सरगना की तलाश शुरू हो गई है।

पता चला कि यह गोरखधंधा भीमताल से करीब 500 किमी दूर उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के उरई से संचालित किया जा रहा था। इस खेल में ऊधम सिंह नगर का एक बिचौलिया भी शामिल है। इन दोनों ने सांठगांठ कर पहाड़ के किसानों के लिए उद्यान के आउटलेट को घटिया बीज दे दिए। ऐसे में नैनीताल के करीब 48 हजार से अधिक किसानों के साथ खेल कर दिया गया।

घटिया बीज के गोरखधंधे के खेल का पूरा पर्दाफाश भीमताल ब्लाक के एक किसान की शिकायत के बाद हुआ। इस किसान ने कुमाऊं कमिश्नर एवं सीएम सचिव दीपक रावत से शिकायत की थी कि पर्वतीय क्षेत्र के किसानों को भीमताल स्थित आउटलेट से जो बीज बेचा जा रहा है, उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है।

इस पर गुरुवार शाम को कमिश्नर दीपक रावत ने अचानक राजकीय प्रजनन उद्यान के आउटलेट पर छापा मार दिया तो किसानों के साथ हो रहे धोखे के खेल का पर्दाफाश हो गया। मामले में कमिश्नर ने उद्यान विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही यूपी के जालौन जिले के उरई के बीज सप्लायर को नोटिस देकर तलब करने के निर्देश दिए हैं।

बताया जा रहा है कि कमेटी गठित कर उरई के इस बीज सप्लायर की जांच कराई जाएगी कि वह कितने समय से घटिया बीज सप्लाई कर रहा है। मुख्य उद्यान अधिकारी डा. रजनीश सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश फल एवं भेषज सहकारी संघ लिमिटेड हल्द्वानी ने उरई से कृषि बीज लाकर आउटलेट को दिया था, जहां से नैनीताल के कृषकों को सप्लाई होना था।

नैनीताल के किसानों को खेती करने के लिए समय-समय पर राजकीय प्रजनन उद्यान भीमताल का आउटलेट सरकारी दर पर बीज उपलब्ध कराता है। इस बार भी किसानों को यहीं से मटर के बीज की सप्लाई होनी थी। इसके लिए उरई में बैठे बीज सप्लायर ने ही मटर का बीज यहां भेजा था।
इस बीज के कट्टे पर उरई का ही पता लिखा था, जिस पर सरकार के नियमों के मुताबिक प्रमाणित बार कोड भी लगाया गया था, लेकिन वह फर्जी था, जिसे कमिश्नर दीपक रावत ने छापेमारी के दौरान स्कैन किया तो वह स्कैन ही नहीं हुआ।आशंका है कि किसानों के साथ धोखे का यह खेल मटर के बीज के साथ ही नहीं, उन्हें पहले भी दिए गए बीजों के साथ भी खेला गया है। वहीं, बताया यह भी जा रहा है कि सरकार से प्रमाणित व गुणवत्तापूर्ण फसलों के बीज को दूसरे प्रदेशों में सप्लाई कर रहा था और घटिया बीज यहां भेज रहा था।

एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि कृषि बीज समेत अन्य किसी भी प्रकार के वस्तुओं पर लगाए गए बार कोड को खुद ही आसानी से जांच किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन के गूगल कैमरा को आन करके बार कोड का स्कैन किया जाए।बार कोड सही होने पर उस पर लिखा डिटेल मोबाइल फोन में खुलकर आ जाएगा। अगर बार कोड फर्जी या गलत है तो बार-बार स्कैन करने पर भी वह मोबाइल फोन में नहीं खुलेगा। इसलिए आम जनता को सतर्क रहना चाहिए कि बाजार से कोई भी वस्तु की खरीदारी करने पर वह अपने मोबाइल फोन के गूगल कैमरे से उसकी सच्चाई एवं हकीकत की पुष्टि कर लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *