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News by – ध्यानी टाइम्स

नहीं टूटा राज परिवार का तिलिस्म, माला राज्य लक्ष्मी शाह ने लगाई जीत की हैट्रिक

स्वतंत्रता के बाद अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में 11 बार राजशाही परिवार का कब्जा रहा। भाजपा ने महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह पर तीसरी बार भरोसा जताया है।

90 के दशक तक कांग्रेस का गढ़ रही टिहरी लोकसभा सीट पर इस बार भी राज परिवार का तिलिस्म नहीं टूट पाया है। भाजपा प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह लोकसभा चुनाव में 462603 मत हासिल कर जीत की हैट्रिक लगाकर चौथी बार संसद पहुंचेंगी।

भाजपा ने महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के लिए इस बार भी टिहरी सीट से रानी को टिकट दिया। रानी 2012 से इस सीट पर लगातार जीत हासिल कर रही हैं। इस बार भी रानी 2.68 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतीं। रानी को राजनीतिक विरासत में मिली। 2012 में रानी सक्रिय राजनीति में आईं और पहली बार उपचुनाव जीता। 2019 के लोस चुनाव में रानी ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह को पराजित किया

1951 से 1990 तक टिहरी संसदीय क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा। एक बार निर्दलीय और एक बार बीएलडी प्रत्याशी ने चुनाव जीता। राजा मानवेंद्र शाह के भाजपा में आने के बाद 2009 के चुनाव को छोड़ इस सीट पर भाजपा काबिज है। 2009 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर विजय बहुगुणा चुनाव जीते। रानी ने चौथी जीत हासिल कर राज परिवार का वर्चस्व बरकरार

कांग्रेस ने राज परिवार का तिलिस्म तोड़ने के लिए राजा और प्रजा के मुद्दे पर समर्थन जुटाने का प्रयास किया।
जानिए कौन हैं आपकी सांसद
नाम- माला राज्य लक्ष्मी शाह
जन्म- काठमांडू
जन्मतिथि- 23 अगस्त 1950
शैक्षिक योग्यता : इंटरमीडिएट
राजनीतिक कॅरियर : 2012 उपचुनाव जीती। 2014 व 2019 में भी सांसद चुनी गईं।
राज्य निर्माण के बाद : पहली महिला सांसद।
टिहरी लोकसभा सीट में 14 विस सीटें शामिल हैं।
टिहरी, उत्तरकाशी जिले के अलावा देहरादून जिले के एक बड़े हिस्से से मिलकर बनीं है।
देहरादून जिले की चकराता, कैंट और मसूरी, रायपुर, राजपुर रोड, सहसपुर, विकासनगर सीट शामिल।
टिहरी जिले की टिहरी, धनौल्टी, घनसाली, प्रतापनगर विस सीट।
उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री, यमुनोत्री और पुरोला विस सीट।

अब तक 11 बार जीता राजशाही परिवार
स्वतंत्रता के बाद अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में 11 बार राजशाही परिवार का कब्जा रहा। 1952 में पहली बार में इस सीट पर राज परिवार की कमलेंदुमति शाह निर्दलीय चुनाव जीती थीं। उनके बाद कांग्रेस से मानवेंद्र शाह ने 1957, 1962 और 1967 के लोकसभा चुनावों में विजयी रहे। 1991 से 2004 तक हुए पांच आम चुनावों में मानवेंद्र शाह भाजपा से लगातार चुनाव जीते। इस सीट पर आठ बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी राजशाही परिवार के मानवेंद्र शाह के नाम है। 2012 में टिहरी लोस सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार माला राज्यलक्ष्मी भाजपा से उम्मीदवार बनाई गईं और निर्वाचित हुईं। इसके बाद पार्टी ने उन्हें 2014 और फिर 2019 में उम्मीदवार बनाया। दोनों चुनाव में वह विजयी रहीं।
देहरादून में थे सबसे ज्यादा मतदाता
इस सीट पर सर्वाधिक 62.86 फीसदी मतदाता देहरादून जिले में थे। इसके बाद टिहरी जनपद में 21.69 फीसदी और उत्तरकाशी जनपद में 15.42 फीसदी मतदाता रहे।
टिहरी सीट में ये विधानसभा क्षेत्र शामिल
टिहरी संसदीय क्षेत्र में 14 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें पुरोला, यमुनोत्री, गंगोत्री, घनसाली, प्रतापनगर, टिहरी, धनोल्टी, चकराता, विकासनगर, सहसपुर, रायपुर, राजपुर रोड, देहरादून कैंट व मसूरी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

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