क्यों धंस रहा है उत्तराखंड में जोशीमठ जिम्मेदार कौन NTPC या कोई और आठ टीमे लगाएंगे पता
News by- ध्यानी टाइम्स रवि ध्यानी
जोशीमठ त्रासदी पर सभी एक्सपर्ट अपने-अपने हिसाब से प्राकृतिक आपदा को समझाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि उत्तराखंडके इस शहर में जमीन धंसने के मामले में एक और नया मोड़ आ गया है.
कयास लगाए जा रहे हैं कि जमीन धंसने की वजह एनटीपीसी का फर्म है जो कि शहर से थोड़ी ही दूरी पर बना है. इस मामले को उत्तराखंड सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया है. राज्य सरकार ने इसकी जांच करने को कहा है.
हिमालयी शहर में थंसाव के कारणों की जांच आठ संस्थान करेंगे और सभी पहाड़ी क्षेत्रों की वहन क्षमता (कैपेसिटी) की जांच भी की जाएगी. “डूबते” शहर में स्थिति का आकलन करने के लिए कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय किए गए. राज्य सरकार केंद्र सरकार से इस त्रासदी से उबरने के लिए रिलीफ पैकेज की मांग भी करेगी.
कैबिनेट के बाद यह जानकारी सामने आई है कि अब राज्य सरकार पीड़ितों का सर्वे कराएगी इसके बाद ही सहायता पैकेज दिया जाएगा. वहीं विस्थापित परिवारों के 2 लोगों को मनरेगा के आधार पर भुगतान किया जाएगा. राज्य सरकार ने इन लोगों के अगले 6 महीने तक के बिजली और पानी के बिल भी माफ किए हैं. सभी मंत्री अपना एक महीने का वेतन सीएम राहत कोष में जमा कराएंगे.
पावर फर्म को ठहरा रहे जिम्मेदार
सरकार ने आगे कहा कि सभी राज्य मंत्री एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करेंगे. प्रदर्शनकारियों द्वारा बेहतर मुआवजे की मांग को लेकर अभियान रोके जाने के एक दिन बाद गुरुवार को सैकड़ों ढांचों में दरारें आ गईं जिसके कारण अधिकारियों को “सावधानीपूर्वक” दो होटलों को ध्वस्त करना पड़ा. निवासियों और विशेषज्ञों ने क्षेत्र में पावर फर्म के निर्माण का विरोध किया है, जिसे वे आंशिक रूप से भूमि धंसने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
हालांकि, राज्य के स्वामित्व वाली फर्म ने बिजली मंत्रालय को बताया है कि इस क्षेत्र के धंसने में उसकी कोई भूमिका नहीं है. तपोवन विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना से जुड़ी 12 किलोमीटर लंबी सुरंग जोशीमठ शहर से 1 किलोमीटर दूर और जमीन से कम से कम एक किलोमीटर नीचे है. जोशीमठ में स्थिति की समीक्षा के लिए रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक उच्च स्तरीय बैठक की.
NTPC GO BACK के पोस्टर लगाए
जोशीमठ आपदा के बाद एनटीपीस परियोजना को स्थानीय लोग शहर की जमीन धंसने की वजह बता रहे हैं. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के लोगों ने पूरे बाजार में एनटीपीसी गो बैक के पोस्टर लगाए हैं. यह पोस्टर विरोध प्रदर्शन करने वालों ने शहर के सभी मकानों और दुकानों पर लगाए हैं. लोगों मे एनटीपीसी के खिलाफ बहुत नाराजगी है. लोगों ने आरोप लगाया है कि एनटीपीसी के किए गए ब्लास्ट की वजह से जोशीमठ तबाह हो रहा है.