बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू, पहले दिन गणेश भगवान की पूजा-अर्चना के बाद गणेश मंदिर के कपाट होंगे बंद
विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई है। पहले दिन गणेश भगवान की पूजा-अर्चना के बाद गणेश मंदिर के कपाट बंद होंगे।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि मंगलवार से भगवान बदरीविशाल जी की पंच पूजाएं शुरू हो जाएंगी। 16 नवंबर को श्री गणेश भगवान की पूजा एवं कपाट बंद होंगे। 17 नवंबर श्री आदि केदारेश्वर जी के कपाट बंद होंगे। 18 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन होगा। इस दिन से वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जाएगा। 19 नवंबर को मां लक्ष्मी जी की पूजा एवं आह्वान होगा। 20 नवंबर को शाम 6 बजकर 45 मिनट पर श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।
कपाट बंद होने के बाद 21 नवंबर को प्रात: आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी रावल जी सहित श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी योग-ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगे। श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी योग-ध्यान बदरी पांडुकेश्वर में विराजमान हो जाएंगे। 22 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी एवं रावल जी श्री नृसिंह मंदिर में पहुचेंगे। इसी के साथ जोशीमठ व पांडुकेश्वर में बदरीनाथ जी की शीतकालीन पूजा शुरू हो जाएगी।