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सरकारी कर्मचारियों के घर दिवाली से पहले बरसेगा, DA और बोनस का रास्ता साफ

 देहरादून। प्रदेश के राजकीय कर्मचारियों को दीपावली पर्व पर वेतन, बढ़े हुए महंगाई भत्ते और बोनस देने का रास्ता साफ होने जा रहा है। साथ में 31 अक्टूबर को दीपावली अवकाश भी सरकार घोषित कर सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय संघ की इन मांगों पर सैद्धांतिक सहमति दी है।

उत्तराखंड सचिवालय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके कार्यालय में भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि दीपावली पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाना प्रस्तावित है। इस दिन अवकाश घोषित किया जाना चाहिए।

महंगाई भत्ते पर तीन प्रतिशत की वृद्धि

संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस मांग को सहर्ष स्वीकार किया और मुख्य सचिव को कार्यवाही के निर्देश दिए। प्रतिनिधिमंडल ने दीपावली पर्व को देखते हुए अक्टूबर माह का वेतन 31 अक्टूबर से पहले देने के साथ ही 5400 ग्रेड वेतन तक अराजपत्रित कार्मिकों को बोनस देने की मांग की। संघ ने केंद्रीय कर्मचारियों की भांति राज्य के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत की वृद्धि का अनुरोध किया।

संघ के अनुसार, मुख्यमंत्री ने इन मांगों पर सहमति दी है। साथ ही अक्टूबर, 2005 से पूर्व भर्ती विज्ञप्ति के आधार पर लगे कार्मिकों को भी पुरानी पेंशन का लाभ देने का आश्वासन दिया गया। वित्त विभाग में लंबित संघ की अन्य मांगों और 30 जून एवं 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ पेंशन में जोड़ने की मांग पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक कार्यवाही करने के निर्देश अपर मुख्य सचिव वित्त को दिए हैं।

प्रतिनिधिमंडल में संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा, महासचिव राकेश जोशी, उपाध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, रेनू भट्ट व लालमणि और शासन की ओर से मुख्यमंत्री के सचिव विनय शंकर पांडेय एवं सचिव शैलेश बगोली उपस्थित रहे।

समान नागरिक संहिता की नियमावली पर आज मुहर लगा सकती है कैबिनेट

पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल की बुधवार को सुबह 11 बजे से सचिवालय में होगी। बैठक में समान नागरिक संहिता की नियमावली को मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिल सकती है। साथ में दीपावली के अवसर पर बोनस, महंगाई भत्ते में वृद्धि और दीपावली से पहले वेतन भुगतान के रूप में प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को राहत देने पर मंत्रिमंडल की मुहर लग सकती है।

मंत्रिमंडल मलिन बस्तियों के संबंध में अध्यादेश भी ला सकती है। वर्तमान में लागू अध्यादेश का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो रहा है। मलिन बस्तियों को अस्थायी रूप से राहत देने के लिए अध्यादेश लाने के संकेत उच्च पदस्थ सूत्र दे चुके हैं। मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जा सकता है। माना जा रहा है कि नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस से पहले सरकार लोकलुभावन निर्णयों के रूप में राहत दे सकती है।

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